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World Environment Day 2024: पेड़-पौधे बढ़ाते हैं सुख-समृद्धि, पौधे लगाकर सुधारे प्रकृति, भाग्य


World Environment Day 2024: विश्वभर में 5 जून को पर्यावरण दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास के महत्व के प्रति लोगों को जागरुक करना है. पेड़-पौधे पर्यावरण (Environment) के साथ-साथ मानव जीवन पर भी प्रभाव डालते हैं. उसी तरह, जैसे हर ग्रह और राशि अपने गुण-दोषों के कारण मानव जीवन को प्रभावित करते हैं.

यूं तो पौधे सभी रूपों में मानव के लिए लाभदायक हैं, लेकिन राशि (Zodiac) और ग्रह (Planet) को ध्यान में रखकर पौधे लगाने से मानव को काफी सफलता मिलती है. आदि काल से ही मनुष्य के जन्म से मरण तक के अनुष्ठानों में पेड़-पौधों की विशेष भूमिका रही है. प्रत्येक व्यक्ति का जन्म किसी न किसी राशि के नक्षत्र में ही होता है. प्रत्येक ग्रह, राशि और नक्षत्र (Nakshatra) का एक प्रतिनिधि वृक्ष होता है. यहां नक्षत्र, ग्रह और राशियों के वृक्ष को जानकर आप अपने घर के आसपास उचित स्थान पर लगाएंगे तो आपको इसका लाभ मिलेगा. इन पौधों के विकसित होने पर आपके ग्रह नक्षत्र सही हो जाएंगे.

राशि अनुसार लगाएं पेड़-पौधे मिलेगा लाभ

राशि के अनुसार पेड़ लगाने से न केवल वह ग्रह शांत होता है, बल्कि जैसे-जैसे पौधा बढ़ता है, व्यक्ति को उतना ही अधिक उसका लाभ मिलता है. वह सफलता के सोपान चढ़ने लगता है. राशि व ग्रह के अनुसार पेड़ लगाने से उनके प्रभाव भी सकारात्मक पढ़ते हैं. इसके साथ ही सुख-समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है.

स्कंद पुराण (Skanda Purana) में हर व्यक्ति को अपने जीवन में कम से कम सात तरह के पौधे पीपल, नीम, बरगद, इमली, कैथा, बेल, आंवला और आम जरूर लगाने चाहिए. विकास की अंधी दौड़ में हमने सबसे ज्यादा बलि पेड़ों की ही दी है. लेकिन अब लोगों को इसका महत्व समझ में आ रहा है. हमारे धर्मग्रंथों में पेड़ों को लगाने के साथ उनकी पूजा का भी विधान है.

गुरु (Guru) को बल देने के लिए केले, शनि (Shani) के लिए पीपल की पूजा की जाती है. वट वृक्ष में तो ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं का वास होता है. ग्रह के अनुसार भी पौधे रोपे जा सकते हैं. इसमें सूर्य ग्रह (Surya) का अर्क, चंद्रमा (Chandrma) को पलाश, मंगल (Mangal) का खैर, बुध (Budh) का अपमार्ग, गुरु का पीपल, शुक्र (Shukra) का सफेद चंदन या गूलर, शनि का शमी, राहु (Rahu) का दुर्वा व केतु (Ketu) का कुश वृक्ष माना जाता है. इन पौधों को रोपने से ग्रह शांत होते हैं. जीवन में खुशहाली भी आती है.

लगा सकते हैं सप्तऋषि वन: नक्षत्र समूह में प्रमुख सात भारतीय ऋषि कश्यप, अत्रि, भारद्वाज, जमदग्नि, विश्वामित्र, वशिष्ठ और गौतम से संबंधित पौधों से मिलकर सप्तऋषि वन बनते हैं. ये पौधे तुलसी, अगस्त्य, चिडचिडा, दूब, बेल, शमी और धतूरा हैं.

नवग्रह वाटिका भी करती है कमाल:  सूर्य ग्रह के लिए मदार (आक), सोम के लिए पलाश (ढाक), मंगल के लिए खैर, बुध के लिए अपामार्ग (लटजीरा), गुरु के लिए पीपल, शुक्र के लिए गूलर, शनि के लिए शमी, राहु के लिए दूब और केतु के लिए कुश निर्धारित है. नवग्रह वाटिका भी कमाल करती है.

पेड़ काटने से आती है जीवन में परेशानी: पेड़ काटने से जीवन में कई प्रकार की परेशानी आती है. ग्रह बाधा भी शुरू हो जाती है. इसलिए कभी भी हरे भरे पेड़ों को नहीं काटना चाहिए. पेड़ काटने वाले लोग अमूमन परेशान ही नजर आते हैं.

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