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Saturn’s transit: 2026 में इन राशियों पर शनि का कहर! साढ़ेसाती और ढैय्या से बचने के अचूक उपाय,


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Saturn’s Sade Sati and Dhaiya periods: साल 2026 में शनि देव पूरे वर्ष मीन राशि में ही गोचर करेंगे, जिससे मेष, मीन और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती और सिंह व धनु राशि पर ढैय्या का प्रभाव बना रहेगा. इस दौरान राहु और केतु की स्थिति इन राशियों की परेशानियों को और अधिक बढ़ाने वाली है. यह स्थिति 2027 तक बनी रहेगी.

श्री लक्ष्मीनारायण एस्ट्रो सॉल्यूशन, अजमेर की निदेशिका एवं ज्योतिषाचार्या-टैरो कार्ड रीडर नीतिका शर्मा के अनुसार शनि को न्याय का देवता माना जाता है और यह ग्रह व्यक्ति को उसके कर्मों के अनुसार फल देता है.

शनि सबसे मंद गति से चलने वाला ग्रह

नीतिका शर्मा ने बताया कि शनि को मंदगामी कहा जाता है क्योंकि यह सभी ग्रहों में सबसे धीमी गति से चलता है. शनि को शनिश्चर, सूर्यपुत्र और छायापुत्र भी कहा जाता है.
शनि के नक्षत्र पुष्य, अनुराधा और उत्तराभाद्रपद हैं, जबकि मकर और कुंभ इसकी स्वगृही राशियां हैं. शनि एक राशि से दूसरी राशि में जाने में लगभग ढाई वर्ष का समय लेता है, इसलिए इसका प्रभाव लंबे समय तक बना रहता है.

2026 में किन राशियों पर रहेगा शनि का प्रभाव?

ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार—

  • साढ़ेसाती — कुंभ, मीन और मेष
  • ढैय्या — सिंह और धनु

इस साल राहु कुंभ राशि में और केतु सिंह राशि में रहेगा, जिससे इन राशियों पर शनि का प्रभाव और भी तीव्र हो जाएगा.

कुंभ, मीन और मेष पर शनि साढ़ेसाती

मेष राशि: 2026 में मेष राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का पहला चरण रहेगा. इस दौरान व्यापार, परिवार और रिश्तों में तनाव बढ़ सकता है. हालांकि कुछ लाभ के अवसर भी बीच-बीच में मिलेंगे. 2027 में शनि मेष में प्रवेश करेगा, जिससे साढ़ेसाती का दूसरा चरण शुरू होगा.

कुंभ राशि: कुंभ राशि वालों के लिए यह साढ़ेसाती का अंतिम चरण होगा. राहु के लग्न में रहने से मानसिक तनाव और पारिवारिक व व्यापारिक उतार-चढ़ाव रहेंगे, लेकिन रजत पाया होने के कारण अटके काम भी पूरे होंगे और आय सामान्य बनी रहेगी.

मीन राशि: मीन राशि वालों पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण रहेगा. इस समय आर्थिक दबाव, खर्चों में बढ़ोतरी और स्वास्थ्य समस्याएं सामने आ सकती हैं. हालांकि धन लाभ के अवसर भी मिलते रहेंगे.

सिंह और धनु पर शनि की ढैय्या

सिंह राशि: सिंह राशि वालों के लिए 2026 चुनौतीपूर्ण रहेगा. आय सीमित रहेगी, मानसिक भ्रम और हड्डियों से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं. पारिवारिक कलह भी बढ़ सकती है. जून 2027 में ढैय्या समाप्त होगी.

धनु राशि: धनु राशि वालों को आर्थिक नुकसान और पारिवारिक तनाव झेलना पड़ सकता है. रिश्तेदारों से तनाव संभव है. 2027 में ढैय्या समाप्त हो जाएगी.

शनि हैं कर्मों के न्यायाधीश: नीतिका शर्मा के अनुसार शनि देव व्यक्ति को उसके कर्मों का फल देते हैं. इसलिए गलत कार्य, बुरी संगत और अनैतिक आचरण से बचना चाहिए. माता-पिता का सम्मान, ईमानदारी और परिश्रम से शनि के दुष्प्रभाव कम होते हैं.

शनि दोष से बचाव के उपाय:

शनि के अशुभ प्रभाव से बचने के लिए शनिवार को ये उपाय करें:

  • शनिदेव को सरसों का तेल चढ़ाएं.
  • हनुमान जी की पूजा करें.
  • मंत्र “ॐ शं शनैश्चराय नमः” का 108 बार जाप करें.
  • तेल, काले तिल, कंबल, काली उड़द, लोहे के बर्तन और जूते-चप्पल दान करें.
  • तेल की कटोरी में अपना चेहरा देखकर दान करना विशेष फलदायी माना गया है.

FAQ: 

1: 2026 में किन राशियों पर शनि की साढ़ेसाती रहेगी?
    2026 में मेष, मीन और कुंभ राशि वालों पर शनि की साढ़ेसाती का प्रभाव रहेगा.

2: 2026 में शनि की ढैय्या किन राशियों पर रहेगी?
    सिंह और धनु राशि वालों पर पूरे वर्ष शनि की ढैय्या का असर रहेगा.

3: राहु-केतु का प्रभाव किन राशियों पर ज्यादा रहेगा?
    2026 में राहु कुंभ राशि में और केतु सिंह राशि में रहेगा, जिससे इन दोनों राशियों पर शनि का प्रभाव और अधिक बढ़ जाएगा.

4: शनि दोष से बचने के लिए क्या उपाय करें?
   शनिवार को शनि देव को तेल चढ़ाएं, हनुमान जी की पूजा करें, “ॐ शं शनैश्चराय नमः” मंत्र का 108 बार जाप करें और काले तिल व कंबल का दान करें.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.



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