उत्तर प्रदेश सरकार ने गौशालाओं को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सबल बनाने के लिए अहम पहल की है. उत्तर प्रदेश गो सेवा आयोग इस दिशा में एक मॉडल प्रोजेक्ट बना रहा है. इसे सीएम योगी आदित्यनाथ का ड्रीम प्रोजेक्ट बताया जा रहा है. इस परियोजना के तहत प्रदेश के सभी जिलों में 10 से 12 गौशालाओं को चयनित किया जाएगा. इन्हें मॉडल गौशालाओं के रूप में विकसित किया जाएगा. इनमें पंचगव्य उत्पादों का निर्माण, बायोगैस उत्पादन केंद्र और अन्य आधुनिक सुविधाओं को शामिल किया जाएगा.
इससे ग्रामीणों को रोजगार और आय के अवसर भी प्राप्त होंगे. मॉडल गौशालाओं में ग्रामीणों को गोमूत्र संग्रह और उत्पादों की बिक्री में 50 प्रतिशत कमीशन मिलेगा. इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर मिलेंगे. ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी.
हरिद्वार स्थित पतंजलि योगपीठ इस प्रोजक्ट को तकनीकी और वाणिज्यिक रूप से सहयोगी देगा. पतंजलि की मदद से नीम, गोमूत्र और वर्मी कम्पोस्ट जैसे प्राकृतिक उत्पादों को एक गांव से दूसरे गांव तक पहुंचाया जाएगा. इससे किसानों की कृषि लागत में काफी कमी आएगी. इससे मिट्टी की उर्वरता को बढ़ावा मिलेगा. साथ ही जैविक खेती और पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा.
गौशालाओं में आधुनिक तकनीक गौशालाओं को आधुनिक बनाने के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया जाएगा. इसमें शामिल हैं-जियो-फेंसिंग, गाय टैगिंग, फोटो मैपिंग, चारा इन्वेंटरी ट्रैकिंग. इसके अलावा, पतंजलि योगपीठ प्रशिक्षण, गुणवत्ता नियंत्रण, फार्मुलेशन, प्रमाणन और लाइसेंसिंग में सहायता प्रदान करेगा.
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