Waqf Amendment Bill: वक्फ बोर्ड बिल संशोधन का मामला जब से सुर्खियों में आया है, तब से वक्फ बोर्ड से जुड़े कई नए-नए विवाद के मामले सामने आ रहे हैं. महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी मुंबई में शनिवार (17 अगस्त) को क्फ बोर्ड संशोधन बिल को लेकर चली मुस्लिम संगठन की बैठक में बवाल मच गया. जहां एआईएमआईएम के नेता वारिस पठान ने भी उद्धव गुट के सांसदों पर सवाल उठाए थे. इस पर बात बिगड़ गई.
दरअसल, मुंबई में शनिवार (17 अगस्त) को कुछ मुस्लिम संगठनों और एआईएमआईएम नेताओ के साथ जब वक्फ बोर्ड संशोधन बिल पर बात चल रही थी. इस बीच बैठक में बैठे लोग आपस में भिड़ गए. जहां बैठक में कुछ लोगों ने कहा कि उद्धव ठाकरे को जवाब देना चाहिए कि इस बिल के पेश होने के वक्त उनके सांसद क्यों नहीं थे? इसको लेकर उद्धव गुट के कुछ मुस्लिम समर्थक नाराज हो गए. जिसके बाद बात बिगड़ती चली गई.
AIMIM नेता वारिस पठान का उद्धव ठाकरे पर वार
वहीं, बैठक में मौजूद उद्धव गुट के और कहा कि इसे राजनीतिक मुद्दा ना बनाया जाए और बहस शुरू हो गई. इस बीच एआईएमआईएम पार्टी के वारिस पठान ने भी उद्धव गुट के सांसदों पर सवाल उठाए थे.
वक्फ बोर्ड को लेकर 22 अगस्त को होगी JPC की बैठक
हालांकि, वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की पहली बैठक 22 अगस्त को दिल्ली स्थित संसद भवन एनेक्सी में होगी. जिसमें केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और विधि एवं न्याय मंत्रालय के प्रतिनिधि सदस्यों को विधेयक के बारे में जानकारी देंगे.
जानिए क्या है वक्फ बोर्ड?
वक्फ संपत्ति के प्रबंधन का काम वक्फ बोर्ड करता है. यह एक कानूनी इकाई है. जहां देश के हर राज्य में वक्फ बोर्ड होता है. वक्फ बोर्ड में संपत्तियों का पंजीकरण अनिवार्य है. बोर्ड संपत्तियों का पंजीकरण, प्रबंधन और संरक्षण करता है. हर राज्यों में बोर्ड का नेतृत्व अध्यक्ष करता है. फिलहाल, देश में शिया और सुन्नी दो तरह के वक्फ बोर्ड हैं. इसके अलावा वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन के अलावा बोर्ड वक्फ में मिले दान से शिक्षण संस्थान, मस्जिद, कब्रिस्तान और रैन-बसेरों का निर्माण व रखरखाव करता है.
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