-3.2 C
New York
Saturday, December 27, 2025

Buy now

spot_img

जातिगत जनगणना पर मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम मोदी को लिखा पत्र, बोले- ‘2023 का जवाब नहीं मिला’


Mallikarjun Kharge Letter To PM Modi: कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार (6 मई 2025) को जाति जनगणना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) को एक पत्र लिखा है. उन्होंने पत्र के जरिए पीएम मोदी को कुछ सुझाव भी दिए हैं.

मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने एक्स अकाउंट पर पत्र शेयर करते हुए लिखा, “जाति जनगणना पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को मेरा पत्र. मैंने 16 अप्रैल, 2023 को आपको पत्र लिखकर भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की जाति जनगणना की मांग को आगे बढ़ाया था. अफसोस की बात है कि मुझे इस पत्र का कोई जवाब नहीं मिला. दुर्भाग्य से, आपकी पार्टी के नेताओं और आपने इस वैध मांग को उठाने के लिए कांग्रेस और उसके नेतृत्व पर हमला किया, जिसे आप आज स्वीकार करते हैं कि यह गहरे सामाजिक न्याय और सशक्तिकरण के हित में है. आपने अब घोषणा की है कि अगली जनगणना (जो 2021 में होनी थी) में जाति को एक अलग श्रेणी के रूप में शामिल किया जाएगा, लेकिन इसके विवरण नहीं दिए. मेरे पास आपके विचार के लिए तीन सुझाव हैं.”

‘जनगणना प्रश्नावली का डिजाइन महत्वपूर्ण’

उन्होंने आगे बताया, “जनगणना प्रश्नावली का डिजाइन महत्वपूर्ण है. गृह मंत्रालय को तेलंगाना मॉडल से प्रेरणा लेनी चाहिए, प्रश्नावली को अंतिम रूप देने की प्रक्रिया और पूछे गए सवालों के सेट दोनों के लिए. जाति जनगणना के परिणाम जो भी हों, यह स्पष्ट है कि अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) के लिए 50 प्रतिशत आरक्षण की मनमानी सीमा को संविधान संशोधन के माध्यम से हटाया जाना चाहिए. संविधान में अनुच्छेद 15(5) को 20 जनवरी, 2006 से लागू किया गया था. इसे सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी और 29 जनवरी, 2014 को लंबी सुनवाई के बाद इसे बरकरार रखा गया. यह निजी शैक्षणिक संस्थानों में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी के लिए आरक्षण का प्रावधान करता है. इसे लागू करना चाहिए.

‘हाशिए पर पड़े वर्गों को उनके अधिकार देती है जनगणना’

मल्लिकार्जुन खरगे ने पत्र में यह भी कहा कि जाति जनगणना जैसी कोई भी प्रक्रिया जो हमारे समाज के पिछड़े, उत्पीड़ित और हाशिए पर पड़े वर्गों को उनके अधिकार प्रदान करती है, उसे किसी भी तरह से विभाजनकारी नहीं माना जा सकता और न ही माना जाना चाहिए. हमारा महान राष्ट्र और हमारे बड़े दिल वाले लोग हमेशा जरूरत पड़ने पर एकजुट हुए हैं, जैसा कि हमने हाल ही में पहलगाम में हुए कायरतापूर्ण आतंकवादी हमलों के बाद किया है.

‘मेरे सुझावों पर आप गंभीरता से विचार करेंगे’

उन्होंने आगे कहा, “भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस का मानना है कि हमारे संविधान की प्रस्तावना में दिए गए सामाजिक और आर्थिक न्याय तथा स्थिति और अवसर की समानता सुनिश्चित करने के लिए ऊपर बताए गए व्यापक तरीके से जाति जनगणना कराना अत्यंत आवश्यक है. मुझे विश्वास है कि मेरे सुझावों पर आप गंभीरता से विचार करेंगे. मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि जल्द ही सभी राजनीतिक दलों के साथ जाति जनगणना के मुद्दे पर चर्चा करें.”



Source link

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest Articles