Sonam Wangchuk Latest News: लद्दाख से दिल्ली आ रहे एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक को सिंघु बॉर्डर के पास रोका गया है. सोमवार (30 सितंबर, 2024) देर रात उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर इस बारे में बताया और दावा किया कि दिल्ली पुलिस ने उन्हें 150 पदयात्रियों के साथ हिरासत में ले लिया है. हालांकि, फिलहाल यह साफ नहीं है कि उन्हें कहां रखा गया है.
एक्स (पहले टि्वटर) पर इंजीनियर से शिक्षा सुधारक बने सोनम वांगचुक ने दो मिनट 26 सेकेंड्स का वीडियो शेयर करते हुए जानकारी दी, “मुझे दिल्ली की सीमा पर 150 पदयात्रियों के साथ हिरासत में लिया जा रहा है. यह काम 100 पुलिस बल की ओर से किया जा रह है, जबकि कुछ लोगों का कहना है कि वहां पर हमारे लिए 1,000 पुलिस वाले तैनात किए गए.”
सोनम वांगचुक का दावा है कि 80 साल से अधिक उम्र के कई बुजुर्ग पुरुष और महिलाएं और कुछ दर्जन सेना के अनुभवी उनके साथ पदयात्रा के दौरान शामिल हैं. उनके एक्स पोस्ट के अनुसार, “हमारा भाग्य किसी को नहीं पता. हम दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र, लोकतंत्र की जननी में…बापू की समाधि तक सबसे शांतिपूर्ण मार्च पर थे…हे राम!”
I AM BEING DETAINED…
along with 150 padyatris
at Delhi Border, by a police force of 100s some say 1,000.
Many elderly men & women in their 80s and few dozen Army veterans…
Our fate is unknown.
We were on a most peaceful march to Bapu’s Samadhi… in the largest democracy… pic.twitter.com/iPZOJE5uuM
— Sonam Wangchuk (@Wangchuk66) September 30, 2024
दरअसल, सोनम वांगचुक केंद्र शासित प्रदेश (यूटी) के संविधान की छठी अनुसूची से जुड़े मुद्दे समेत विभिन्न मांगों को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं. जलवायु कार्यकर्ता के तौर पर जाने-जाने वाले सोनम वांगचुक के नेतृत्व में मार्च सोमवार को राष्ट्रीय राजधानी पहुंचने वाला था पर उसे बीच में ही रोक लिया गया. लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) की ओर से बुलाए गए मार्च को एक सितंबर को सोनम वांगचुक के नेतृत्व में दिल्ली पहुंचना था.
करगिल डेमोक्रेटिक अलायंस (केडीए) के सदस्य भी इस मार्च में थे. ग्रुप्स ने ऐलान किया था कि वे दो अक्टूबर, 2024 को गांधी जयंती पर दिल्ली के राजघाट तक मार्च करेंगे, जबकि तीन अक्टूबर को उनकी जंतर-मंतर पर सार्वजनिक सभा की योजना है. लद्दाख के दोनों समूह चार बरस से लद्दाख के लिए राज्य का दर्जा, संविधान की छठी अनुसूची के शामिल करने, लद्दाख के लिए लोक सेवा आयोग के साथ जल्दी भर्ती प्रक्रिया और लेह के साथ करगिल जिलों के लिए अलग लोकसभा सीट के समर्थन में संयुक्त रूप से आंदोलन पर हैं. लद्दाख के प्रतिनिधियों और केंद्र सरकार के बीच इस मसले पर मार्च में बात हुई थी पर वार्ता बेनतीजा रही थी.
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