-1.4 C
New York
Tuesday, December 24, 2024

Buy now

spot_img

हिमाचल, उत्तराखंड के बाद अचानक दिल्ली में बदला मौसम, बारिश ने तपिश से दिलाई राहत, लेकिन…


Delhi-NCR Weather Update: गर्मी की रिकॉर्ड तोड़ तपिश झेल रहे उत्तर भारत के कई इलाकों को बुधवार यानी 19 जून की दोपहर से राहत मिलने लगी है. शुरुआत उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में बारिश से हुई. रात होते-होते हीटस्ट्रोक और हीटवेव में रिकॉर्ड बनाने वाली राजधानी दिल्ली और इससे सटे इलाकों में भी आंधी के साथ हल्की बारिश ने तपिश से लोगों को राहत दिला दी. मौसम विभाग ने भी ये भविष्यवाणी की थी कि बुधवार देर रात से दिल्ली और इससे जुड़े नोएडा और गुरुग्राम में लोगों को बारिश के चलते गर्मी से राहत मिल जाएगी. 

बुधवार को हिमाचल की राजधानी शिमला में भी अचानक मौसम बदल गया और तेज बारिश होने लगी. बारिश के बाद से शिमला का मौसम बदल गया है और लोगों को गर्मी से राहत मिल गई है. बुधवार देर रात उत्तराखंड के हरिद्वार में भी जमकर बारिश हुई.

हालांकि ये मानसून की बारिश नहीं है. मानसून को अभी भी राजधानी दिल्ली से जुड़े इलाकों और उत्तर भारत में आने में कम से कम 10 दिनों का समय और लगेगा. भारत में एक जून से मानसून अवधि की शुरुआत के बाद से 20 प्रतिशत कम बारिश हुई है और पूरे महीने भी कुल वर्षा औसत से कम होने का अनुमान है. मौसम विभाग ने यह जानकारी दी है. सामान्य से दो दिन पहले मुख्य भूमि पर पहुंचने और कई अन्य राज्यों में तेजी से आगे बढ़ने के बाद, 12 से 18 जून के बीच मानसून में कोई खास प्रगति नहीं हुई जिससे उत्तर भारत में बारिश के लिए प्रतीक्षा अवधि बढ़ गई.

उत्तर भारत का एक बड़ा हिस्सा भीषण गर्मी से जूझ रहा है. मौसम विभाग ने बताया कि अगले तीन से चार दिन में महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, आंध्र प्रदेश के तटीय क्षेत्रों, उत्तर-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी, बिहार और झारखंड के कुछ हिस्सों में मानसून आने की स्थिति बन रही हैं. मौसम विभाग के अनुसार भारत में एक से 18 जून के बीच 64.5 मिमी बारिश हुई, जो इस दौरान 80.6 मिमी के औसत (एलपीए) से 20 प्रतिशत कम है. उन्होंने बताया कि एक जून से अब तक उत्तर-पश्चिम भारत में 10.2 मिमी बारिश (सामान्य से 70 प्रतिशत कम), मध्य भारत में 50.5 मिमी (सामान्य से 31 प्रतिशत कम), दक्षिण प्रायद्वीप में 106.6 मिमी (सामान्य से 16 प्रतिशत अधिक) और पूर्व एवं उत्तर-पूर्व भारत में 146.7 मिमी (सामान्य से 15 प्रतिशत कम) बारिश हुई.

यहां पहुंच चुका है मानसून

दक्षिण-पश्चिम मानसून 19 मई को निकोबार द्वीप समूह के कुछ हिस्सों में पहुंच गया था. इसके बाद 26 मई को चक्रवात रेमल के साथ ही मानसून दक्षिण के अधिकांश हिस्सों और बंगाल की खाड़ी के मध्य तक पहुंचा था. केरल और पूर्वोत्तर राज्यों में सामान्य से क्रमशः दो और छह दिन पहले 30 मई को मानसून ने दस्तक दे दी थी. केरल, कर्नाटक, गोवा, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के सभी हिस्सों, दक्षिणी महाराष्ट्र के अधिकतर क्षेत्रों, दक्षिणी छत्तीसगढ़, दक्षिणी ओडिशा के कुछ भागों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के अधिकतर हिस्सों, सिक्किम और सभी पूर्वोत्तर राज्यों के अधिकांश हिस्सों में 12 जून तक मानसून दस्तक दे चुका था.

फिर आगे नहीं बढ़ा मानसून!

आईएमडी का कहना है, ‘‘उपरोक्त क्षेत्रों तक पहुंचने के बाद मानसून आगे नहीं बढ़ा.’’ आईएमडी ने बताया कि देश के 11 मौसम उप-प्रभागों में एक से 18 जून के बीच सामान्य से लेकर बहुत अधिक बारिश हुई है, जबकि 25 उप-प्रभागों में बहुत कम बारिश हुई. मौसम विभाग के अनुमान के मुताबिक, देश भर में जून में औसत बारिश सामान्य से कम होने का अनुमान है. दक्षिणी प्रायद्वीप के अधिकांश क्षेत्रों और पूर्वोत्तर भारत के कुछ भागों में सामान्य से अधिक वर्षा होने का अनुमान है, वहीं उत्तर-पश्चिम और उससे लगे मध्य भारत के कई क्षेत्रों में सामान्य से कम वर्षा होने का अनुमान है.

भारत में कृषि क्षेत्र के लिए मानसून महत्वपूर्ण है और 52 प्रतिशत खेती योग्य क्षेत्र इस पर निर्भर है. यह पेयजल और बिजली उत्पादन के लिए महत्वपूर्ण जलाशयों में पानी के भंडारण भी महत्वपूर्ण है. केंद्रीय जल आयोग के अनुसार, पिछले सप्ताह भारत के 150 प्रमुख जलाशयों में जल भंडारण मात्र 22 प्रतिशत रह गया जिससे कई राज्यों में पानी की कमी हो गई और जलविद्युत उत्पादन पर भी असर पड़ा है. राजधानी दिल्ली में भी भीषण जल संकट की स्थिति पैदा हो गई.

(न्यूज एजेंसी इनपुट के साथ)

ये भी पढ़ें: दिल्ली में पड़ रही हीटस्ट्रोक की मार! हीटवेव के मरीजों के काम नहीं कर रहे अंग; एक्शन में आई केंद्र सरकार





Source link

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Stay Connected

0FansLike
0FollowersFollow
0SubscribersSubscribe
- Advertisement -spot_img

Latest Articles