आज की तेज-तर्रार जिंदगी में गलत खानपान, जंक फूड की आदत, तनाव, नींद की कमी और स्मोकिंग-शराब जैसी चीजें लोगों की सेहत पर गहरा असर डाल रही हैं. इन आदतों का सबसे बड़ा नुकसान हमारे दिल पर पड़ता है. भारत में हर साल बड़ी संख्या में लोग हार्ट अटैक और हृदय से जुड़ी गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे हैं. कई लोग शुरुआत में लक्षणों को हल्के में लेते हैं और डॉक्टर के पास देर से पहुंचते हैं, जिससे बीमारी बढ़ जाती है. शुरुआत में दवाइयों या एंजियोप्लास्टी से इलाज हो सकता है, लेकिन कुछ मामलों में स्थिति इतनी गंभीर हो जाती है कि डॉक्टर को हार्ट बायपास सर्जरी की सलाह देनी पड़ती है..
बहुत लोग इस सर्जरी का नाम सुनकर डर जाते हैं, जबकि सच यह है कि समय पर कराई गई बायपास सर्जरी से मरीज की जान बच सकती है और वह दोबारा सामान्य जीवन जी सकता है. तो आइए जानते हैं कि डॉक्टर हार्ट बायपास सर्जरी की सलाह कब देता है क्या इसे कराने में जान का खतरा रहता है.
हार्ट बायपास सर्जरी क्यों की जाती है?
डॉक्टरों के अनुसार जब हार्ट को खून पहुंचाने वाली धमनियां गंभीर रूप से ब्लॉक हो जाती हैं, तब दिल तक ऑक्सीजन नहीं पहुंच पाती है. ऐसे में दिल की मांसपेशियों को नुकसान पहुंचने का खतरा बढ़ जाता है. हार्ट बायपास सर्जरी में डॉक्टर शरीर के किसी दूसरे हिस्से की नस लेकर दिल तक खून पहुंचाने के लिए नया रास्ता बना देते हैं. इसी नए रास्ते को बायपास कहा जाता है. इससे खून आसानी से दिल तक पहुंचने लगता है और दिल का काम सामान्य हो जाता है.
डॉक्टर बायपास सर्जरी की सलाह कब देते हैं?
सर्जरी तभी की जाती है जब दूसरे इलाज जैसे दवाइयां या एंजियोप्लास्टी काम नहीं करते हैं. ऐसे में डॉक्टर कई स्थितियों में बायपास सर्जरी की सलाह देते हैं जैसे –
1. जब हार्ट की धमनियां बहुत ज्यादा ब्लॉक हो जाएं – अगर आर्टरीज पूरी तरह या काफी हद तक बंद हो जाती हैं, जिससे खून का फलो रुक जाता है.
2. सीने में बार-बार तेज दर्द हो – जब दवाइयां लेने के बाद भी दर्द कम न हो और रोजाना की जिंदगी प्रभावित होने लगे.
3. दिल में कई जगह ब्लॉकेज हों – अगर एक या दो नहीं बल्कि कई स्थानों पर आर्टरीज बंद हों, तो बायपास ही सुरक्षित ऑप्शन माना जाता है.
4. हार्ट अटैक का जोखिम बहुत ज्यादा हो – जब डॉक्टर जांच के बाद यह महसूस करें कि किसी भी समय हार्ट अटैक हो सकता है.
5. एंजियोप्लास्टी कर पाना संभव न हो – कुछ मरीजों में स्टेंट लगाना सुरक्षित नहीं होता, या धमनियां उस स्थिति में नहीं होतीं कि एंजियोप्लास्टी सफल हो सके.
6. डायबिटीज के मरीज जिनमें ब्लॉकेज गंभीर हो – शुगर के मरीजों का दिल ज्यादा सेंसिटिव होता है, इसलिए डॉक्टर अक्सर ऐसे मामलों में बायपास की सलाह देते हैं.
क्या बायपास सर्जरी में जान का खतरा रहता है?
बहुत लोग सोचते हैं कि यह सर्जरी बहुत खतरनाक होती है, लेकिन मॉर्डन तकनीक की वजह से आज यह ऑपरेशन काफी सुरक्षित माना जाता है. ज्यादातर मरीज ठीक होकर सामान्य जीवन जीते हैं. बस थोड़ी-सी सावधानी और लाइफस्टाइल में बदलाव की जरूरत होती है. खतरा तभी बढ़ता है जब मरीज बहुत देर से अस्पताल पहुंचे, ब्लॉकेज बहुत ज्यादा बढ़ चुके हों, सर्जरी के बाद निर्देशों का पालन न किया जाए. इसलिए डॉक्टर की सलाह पर भरोसा करना और समय पर इलाज कराना बेहद जरूरी है.
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Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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