डायबिटीज के साथ जिंदगी जीना कई बार चुनौतीपूर्ण हो सकता है. खासकर जब इंसुलिन आपके लाइफ का हिस्सा बन जाता है तो अक्सर यही सवाल उठता है मैं क्या खाऊं या कौन से खाने मेरे लिए सुरक्षित हैं. अच्छी खबर यह है कि भारतीय खाना, अपनी विविधता और पोषण से भरपूर होने के कारण, इंसुलिन थेरेपी के साथ भी आसानी से खाया जा सकता है.
भारतीय खाने में अनाज, दालें, सब्जियां और मसाले शामिल हैं, जो न सिर्फ टेस्ट में बढ़िया होते हैं बल्कि शरीर को जरूरी पोषण भी देते हैं. इसका मतलब यह नहीं कि इंसुलिन लेने के बाद आपको अपने पसंदीदा खाने से दूर रहना पड़े. बस थोड़ी समझदारी, संतुलन और सही मात्रा का ध्यान रखना जरूरी है. सही समय पर, सही मात्रा में रोटी, दाल और सब्जियां खाने से आपका ब्लड शुगर स्थिर रहता है और आपका शरीर इंसुलिन का सही यूज कर पाता है.
इंसुलिन थेरेपी के लिए भारतीय डाइट गाइड
कुछ खाद्य पदार्थ इंसुलिन की क्षमता को प्रभावित कर सकते हैं या ब्लड शुगर को कंट्रोल करना मुश्किल बना सकते हैं. रिसर्च से पता चला है कि रिफाइंड ग्रेन्स (जैसे सफेद चावल और मैदा), ज्यादा शुगर वाला खाना या ड्रिंक्स, अनहेल्दी फेट वाला फ्राइड फूड, स्नैक्स. इनका बार-बार या ज्यादा मात्रा में सेवन इंसुलिन संवेदनशीलता को कम कर सकता है और ब्लड शुगर को तेजी से बढ़ा या घटा सकता है.
कौन-कौन सी चीजें नहीं करें डाइट में शामिल
1. रिफाइंड ग्रेन्स – सफेद चावल और मैदे की रोटियां जल्दी पचती हैं, जिससे ब्लड शुगर अचानक बढ़ सकता है. इसके बजाय बाजरा, ज्वार, रागी और साबुत गेहूं की रोटियां खाने से लंबे समय तक एनर्जी मिलती है और ग्लूकोज स्तर स्थिर रहता है.
2. ज्यादा शुगर वाला खाना – मिठाई, जूस, सोडा और फिजी ड्रिंक्स ब्लड शुगर को जल्दी बढ़ा सकते हैं. इन्हें सिर्फ कभी-कभार ही लें और अगर लें तो साथ में प्रोटीन या फाइबर वाला खाना लें.
3. अनहेल्दी फेट वाला फ्राइड फूड – तले हुए स्नैक्स, गाढ़ी ग्रेवी वाले खाने और हाई फैट वाले प्रोसेसड फूड इंसुलिन संवेदनशीलता को कम कर सकते हैं. इसके बजाय भाप में पकी, ग्रिल की गई या हल्के भुने व्यंजन बेहतर ऑप्शन हैं.
4. स्नैक्स – चिप्स, बिस्कुट और रेडी-टू-ईट नमकीन में छिपी चीनी, नमक और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट से ब्लड शुगर कंट्रोल मुश्किल हो सकता है. इसके बजाय घर पर भुने चने, अंकुरित दाल या मेवे खाना बेहतर है.
इंडियन फूड जो इंसुलिन के साथ अच्छे हैं
1. साबुत अनाज – गेहूं, ज्वार, बाजरा, रागी ,फाइबर से भरपूर, ग्लूकोज के अवशोषण को धीमा करते हैं.
2. दालें – मूंग, अरहर, मसूर, ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करती हैं. इन्हें साबुत अनाज के साथ खाने से बेहतर परिणाम मिलते हैं.
3. दूध और डेयरी – कम फैट वाला पनीर, दही, छाछ प्रोटीन बढ़ाते हैं और पाचन में मदद करते हैं.
4. सब्जियां – भिंडी, करेला, लौकी, बीन्स, ग्लूकोज अवशोषण को धीमा करते हैं और इंसुलिन कार्य को सपोर्ट करते हैं. पालक, मेथी, अमरंथ, पत्तेदार सब्जियां पोषण देती हैं और ग्लूकोज में मदद करती हैं.
5. नाश्ते के ऑप्शन – भुने चने, अंकुरित चने, मेवे फाइबर और प्रोटीन से भरपूर होते हैं.
6. फल – अमरूद, सेब, संतरा, पपीता, कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले फल ब्लड शुगर को अचानक बढ़ने से रोकते हैं.
इंसुलिन लेने वालों के लिए ब्लड शुगर टेस्ट क्यों जरूरी है?
इंसुलिन लेने वाले लोगों के लिए नियमित ब्लड शुगर टेस्ट बहुत जरूरी है. इससे यह पता चलता है कि कौन सा खाना आपके ग्लूकोज स्तर को कैसे प्रभावित करता है. टेस्ट के आधार पर आप बैलेंस डाइट प्लान बना सकते हैं, इंसुलिन का सही समय तय कर सकते हैं, अचानक हाई या लो शुगर से बच सकते हैंय. इस तरह ब्लड शुगर को ट्रैक करने से आपको यह समझने में मदद मिलती है कि कौन सा खाना आपके शरीर के लिए सही है और डॉक्टर की सलाह के अनुसार बदलाव करना आसान होता है.
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