यूपी के सिद्धार्थ नगर जिले में खजुरिया रोड चौड़ीकरण के लिए जिले के प्रशासनिक अधिकारियों ने अवैध अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया. इस दौरान अधिकतर लोगों ने तो खुद ही अपने अवैध अतिक्रमण को हटा लिया लेकिन ख़ास बात यह रही कि अवैध अतिक्रमण की जद मे तहसील नौगढ़ की बाउंड्री व कोतवाली की बाउंड्री व मुख्य गेट भी था. जिसे बुलडोजर से गिराने पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों की पुलिसवालों से नोकझोंक हो गई.
दरअसल, नगर की मुख्य खजुरिया रोड दस्तावेजों में 18 मीटर दर्ज है. लेकिन लोगों ने अतिक्रमण करके उसे लगभग 8 मीटर तक सीमित कर दिया है, जिससे अक्सर जाम की समस्या बनी रहती है. इसी समस्या को देखते हुए नगरपालिका सिद्धार्थ नगर ने इस सड़क के चौड़ीकरण के लिए कई बार लोगों को नोटिस दिया. लेकिन लोग अपने मकानों के अगले हिस्से को तोड़ने के लिए राजी नहीं थे.
आखिर में सड़क को अतिक्रमण मुक्त कराने की जिम्मेदारी ADM उमाशंकर सिंह को दी गई. ADM उमाशंकर सिंह, SDM ललित कुमार मिश्रा व नगरपालिका के कर्मचारियों का संयुक्त दल खजुरिया रोड में अवैध अतिक्रमण हटाते हुए सिद्धार्थनगर कोतवाली पहुंच गया और अतिक्रमण की जद मे आ रही कोतवाली की बाउंड्री व गेट को तोड़ने के लिए जेसीबी चलानी शुरू कर दी. लेकिन थाना प्रभारी व सीओ अरुणकांत सिंह इसका विरोध करने लगे. ऐसे में प्रशासन के अधिकारियों और पुलिस के लोगों के बीच वाद-विवाद शुरू हो गया.
थाना प्रभारी संतोष कुमार त्रिपाठी तो एसडीएम ललित मिश्रा से कोतवाली की बाउंड्री और गेट गिराने का लिखित आदेश मांगने लगे. जिसपर, ADM उमाशंकर सिंह ने कहा कि आप अपने अधिकारियों को बता दीजिये कि इसको ADM/SDM तुड़वा रहे हैं. ज़ब सभी लोगों का अवैध अतिक्रमण तोड़ा गया तो इसे कैसे रहने दें. इसी बीच आम लोग भी चिल्लाने लगे. जिसके बाद पहले तहसील की नवनिर्मित दीवार को जमींदोज किया गया. फिर थाने की दीवार व मुख्य गेट पर बुलडोजर चलाकर उसे भी गिरा दिया दिया. इस कार्यवाही को देख लोगों ने नारेबाजी शुरू कर दी.
गौरतलब है कि अतिक्रमण हटाने के दौरान इस रोड मे दर्जनों मकान तोड़े गए. इस मामले को लेकर एडीएम उमाशंकर ने बताया कि नगरपालिका के ईओ ने लोगों को कई बार नोटिस दिया था. कुछ लोगों ने तो स्वतः ही अतिक्रमण हटा लिया, लेकिन जो लोग अतिक्रमण नहीं हटा रहे थे उनके खिलाफ विधिक कार्यवाही की गई. कोतवाली थाने का गेट भी मानक के अनुरूप नही था, जिसे पुलिस विभाग से समन्वय बनाकर हटवा दिया गया. घटना 24 अगस्त की है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.
(सिद्धार्थनगर से अनिल तिवारी की रिपोर्ट)