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Sunday, December 28, 2025

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मिलावटी चने खा लिए हैं तो सबसे पहले करें यह काम, ऐसे पता लगाएं मिलावट


Harmful Chemicals In Chickpeas: आज के समय में खाने-पीने की चीजों में मिलावट आम बात हो गई है. दूध, दही, पनीर, घी, तेल, मसाले और मिठाइयों के बाद अब भुना चना भी इसकी चपेट में आ गया है. हाल ही में कई रिपोर्ट्स में सामने आया है कि भुने चने को सुनहरा और ज्यादा कुरकुरा दिखाने के लिए उसमें ऑरामाइन नाम का खतरनाक केमिकल मिलाया जा रहा है, जो कैंसर का खतरा बढ़ा सकता है.

अक्सर लोग चमकदार और ताजा दिखने वाले खाने को सुरक्षित मान लेते हैं, लेकिन असल खतरा उसमें छिपी मिलावट होती है। सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी हाल ही में खुलासा किया कि कुछ बाजारों में मिलने वाला भुना चना ऑरामाइन जैसे सिंथेटिक रंग से तैयार किया जा रहा है. चलिए आपको बताते हैं कि आप अपने अगर इसको खा लिया है, तो आपतो क्या करना चाहिए और इसकी पहचान कैसे करें. 

असली और नकली भुने चने की पहचान कैसे करें?

असल भुना चना आमतौर पर छोटा, हल्का भूरा होता है और दबाने पर आसानी से टूटता नहीं है. वहीं मिलावटी चना आकार में बड़ा, ज्यादा पीला और जरूरत से ज्यादा कुरकुरा होता है. घर पर ही इन आसान तरीकों से पहचान की जा सकती है.

पानी टेस्ट-  थोड़े से चने पानी के गिलास में डालें. अगर पानी दूधिया या सफेद हो जाए, तो समझ लें कि उसमें केमिकल मिला है. साफ पानी रहना चने के शुद्ध होने का संकेत है.

टिश्यू टेस्ट- सफेद टिश्यू या कागज पर चने को रगड़ें- अगर लाल या पीले रंग का दाग पड़े, तो वह सिंथेटिक रंग है. दाग न पड़े तो चना सुरक्षित है.

खुशबू से पहचान– असली चने से भुने हुए अनाज की प्राकृतिक खुशबू आती है, जबकि केमिकल वाले चने से साबुन या कृत्रिम गंध महसूस हो सकती है.

गर्म करने का टेस्ट– बिना तेल के कढ़ाही में चना भूनें. मिलावटी चने से तेज और अजीब धुआं निकल सकता है, जबकि असली चने से सामान्य भुनी खुशबू आएगी.

इन आसान घरेलू तरीकों से आप भुने चने की शुद्धता जांच सकते हैं. सतर्क रहें और इस सर्दी में हेल्दी स्नैक का ही चुनाव करें. औरामाइन ओ चनों को चमकदार पीला रंग और ज्यादा कुरकुरापन देता है, जिससे लोग आसानी से उसकी तरफ आकर्षित हो जाते हैं. लेकिन इसका सेवन सेहत के लिए बेहद खतरनाक है. खासतौर पर बच्चों, गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों के लिए यह मिलावट जानलेवा साबित हो सकती है. यह केमिकल दिमाग से जुड़ी समस्याएं पैदा कर सकता है और डाइजेशन को नुकसान पहुंचाता है.
वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन की अंतरराष्ट्रीय कैंसर रिसर्च एजेंसी ने औरामाइन ओ को ऐसा पदार्थ माना है, जो मनुष्यों में कैंसर का कारण बन सकता है.

इसे भी पढ़ें- Stomach Cancer: जिंदगी में आसपास भी नहीं आएगा पेट के कैंसर का खतरा, आज ही मान लें एम्स और हार्वर्ड के डॉक्टरों की यह सलाह

Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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