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Friday, December 27, 2024

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मनमोहन सिंह से क्यों नाराज हुए थे नरसिम्हा राव, जानें क्या थी वजह?


Manmohan Singh Death: 1991 में जब भारत आर्थिक स्थिति संकट से जूझ रहा था तब मनमोहन सिंह ने वित्त मंत्री के रूप में ऐतिहासिक आर्थिक सुधारों की दिशा में कदम बढ़ाए. मगर इन सुधारों के चलते उनके और प्रधानमंत्री नरसिम्हा राव के बीच मतभेद भी सामने आए. संजय बारू अपनी किताब “1991 How  P. V. Narasimha Rao made History” में लिखते हैं कि 20 जून 1991 को जब संजय बारू ने नरसिम्हा राव से पूछा कि अखबारों के मुताबिक शरद पवार प्रधानमंत्री बनने वाले है तो इस पर राव ने हंसते हुए उत्तर दिया कि यह सिर्फ बंबई के अखबारों की बात है. 

उस समय राव के करीबी सहयोगी और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री भागवत झा आजाद भी उनके साथ मौजूद थे, जिन्होंने राव की बात पर मुस्कराते हुए अपनी प्रतिक्रिया दी. संजय बारू के अनुसार राव का प्रधानमंत्री बनने का रास्ता अचानक ही खुला, क्योंकि सोनिया गांधी और गांधी परिवार के वफादारों ने उनका समर्थन किया था.

नरसिम्हा राव को मिला गांधी परिवार का समर्थन 

नरसिम्हा राव को गांधी परिवार के समर्थन से प्रधानमंत्री बनने का मौका मिला हालांकि कुछ राजनीतिक समीक्षकों का मानना था कि सोनिया गांधी शंकर दयाल शर्मा को प्रधानमंत्री बनाना चाहती थीं. राव को संसद में बहुमत हासिल करने में दो साल का समय लगा. ये उस समय एक बड़ी चुनौती थी क्योंकि नेहरू-गांधी परिवार से बाहर किसी को भी ये सफलता हासिल नहीं हो पाई थी.

मनमोहन सिंह और उनकी आर्थिक नीतियों पर आलोचना

नरसिम्हा राव ने जब देश की आर्थिक स्थितियों को सुधारने की जिम्मेदारी मनमोहन सिंह को सौंपी तब मनमोहन सिंह ने मंहगाई को 1 प्रतिशत तक लाने का लक्ष्य रखा. उन्हें वित्त मंत्री के रूप में ‘1 पर्सेंट सिंह’ के नाम से बुलाया जाने लगा. हालांकि उनके सुधारों पर आलोचनाएं भी आई खासकर पार्टी के कद्दावर नेता अर्जुन सिंह और वामपंथी कांग्रेस नेताओं से. इन आलोचनाओं से परेशान होकर मनमोहन सिंह ने तीन बार अपना इस्तीफा राव को भेजा, लेकिन राव ने हर बार उनका इस्तीफा लौटाया. 

इस्तीफे के बाद राव का गुस्सा और मनमोहन सिंह का जवाब

तीसरी बार इस्तीफा भेजे जाने पर नरसिम्हा राव नाराज हो गए और उन्होंने मनमोहन सिंह से कहा “आप कहते हैं कि आप राजनेता नहीं हैं, लेकिन जब आप वित्त मंत्री के पद पर हों तो ऐसा कैसे कह सकते हैं?” इस पर मनमोहन सिंह ने उन्हें शांतिपूर्वक जवाब दिया कि उनका काम आर्थिक सुधार करना था न कि राजनीति में उलझना. 

ये भी पढ़ें: ‘व्हीलचेयर पर मनमोहन सिंह आए…’, जब पीएम मोदी ने सदन में की मनमोहन सिंह की तारीफ

 



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