<p style="text-align: justify;">ब्रेस्टफीडिंग हर नवजात शिशु के लिए एक संजीवनी बूटी के समान है. माँ का दूध बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करता है. यह न केवल शारीरिक विकास में मदद करता है, बल्कि मानसिक विकास के लिए भी महत्वपूर्ण है. फिर भी, बहुत सी मांएं आजकल अपने बच्चों को दूध नहीं पिलाती है . इसके महत्व को देखते हुए हर साल ‘वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक’ मनाया जाता है. आखिर क्यों पड़ी इस स्पेशल वीक की जरूरत? आइए, जानते हैं. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>दूध पिलाने में क्यों कतरा रहीं हैं महिलाएं <br /></strong>आज के समय में महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं. कामकाजी माओं की संख्या भी बढ़ रही है. अपने करियर और काम के बीच में बच्चों को दूध पिलाना उनके लिए एक चुनौती बन गया है. आजकल की मॉडर्न माएं अपने बच्चों को दूध पिलाने से कतरा रही हैं. इसके पीछे कई कारण हैं जैसे वर्किंग लाइफस्टाइल, फीगर खराब होने का डर, और समय की कमी. ये सभी चीजें मांओं के मन में संदेह पैदा करती हैं. इस बदलती सोच के पीछे के कारणों को समझना और इसके बारे में सही जानकारी देना बहुत जरूरी है ताकि हर मां अपने बच्चे को पोषण दे सके और खुद भी स्वस्थ रह सके. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>ब्रेस्टफीडिंग के फायदे</strong></p>
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<li style="text-align: justify;">इम्युनिटी बढ़ाता है: मां का दूध बच्चे की इम्युनिटी को मजबूत करता है और उसे कई बीमारियों से बचाता है.</li>
<li style="text-align: justify;">मां-बच्चे का बंधन: ब्रेस्टफीडिंग से मां और बच्चे के बीच एक गहरा भावनात्मक संबंध बनता है.</li>
<li style="text-align: justify;">पौष्टिक तत्व: मां के दूध में वो सभी पौष्टिक तत्व होते हैं जो बच्चे के विकास के लिए जरूरी होते हैं.</li>
<li style="text-align: justify;">मोटापा कम: ब्रेस्टफीडिंग से मां का वजन भी तेजी से कम होता है और उसे कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं. </li>
</ul>
<p style="text-align: justify;"><strong>वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक</strong><br />हर साल 1 से 7 अगस्त तक ‘वर्ल्ड ब्रेस्टफीडिंग वीक’ मनाया जाता है. इसका उद्देश्य है मांओं को ब्रेस्टफीडिंग के फायदों के बारे में जागरूक करना और उन्हें प्रोत्साहित करना. इस सप्ताह के दौरान विभिन्न जागरूकता कार्यक्रम, सेमिनार, और वर्कशॉप का आयोजन किया जाता है. </p>
<p style="text-align: justify;"><strong>जरूरत क्यों पड़ी?<br /></strong></p>
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<li style="text-align: justify;">जागरूकता की कमी: अभी भी कई जगहों पर महिलाओं को ब्रेस्टफीडिंग के सही तरीके और उसके फायदों के बारे में जानकारी नहीं होती.</li>
<li style="text-align: justify;">समर्थन की जरूरत: महिलाओं को कामकाजी स्थानों पर ब्रेस्टफीडिंग के लिए सही माहौल और सुविधा मिलनी चाहिए.</li>
<li style="text-align: justify;">हेल्थ लाभ: ब्रेस्टफीडिंग से मां और बच्चे दोनों को कई स्वास्थ्य लाभ मिलते हैं, इसलिए इसकी जानकारी सब तक पहुंचनी चाहिए. </li>
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<p><strong>Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.</strong></p>
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