वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बीते दिन ऐलान किया था कि ईडी ने अलग-अलग मामलों में 22 हजार करोड़ रुपये की रिकवरी की है. इसमें भगोड़े बिजनेसमैन विजय माल्या से 14,131 करोड़ रुपये की रिकवरी भी शामिल है. वित्त मंत्री के ऐलान के बाद किंगफिशर एयरलाइंस के पूर्व प्रमुख ने एजेंसी पर निशाना साधा है.
एक्स पर एक पेस्ट में, माल्या ने कहा, “डेब्ट रिकवरी ट्रायब्यूनल ने कएफए का लोन 6,203 करोड़ रुपये आंका, जिसमें 1,200 करोड़ रुपये का ब्याज भी शामिल है. वित्त मंत्री ने संसद में घोषणा की कि ईडी के माध्यम से बैंकों ने 6,203 करोड़ रुपये के बदले 14,131 करोड़ रुपये की वसूली की गई, और मैं अभी भी एक आर्थिक अपराधी हूं.”
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विजय माल्या ने कहा, “जब तक ईडी और बैंक कानूनी रूप से यह साबित नहीं कर सकते कि उन्होंने दोगुने से अधिक लोन रिकवर कैसे किया है, मैं राहत का हकदार हूं, जिसके लिए मैं कोशिश करूंगा.”
ईडी ने कैसे और क्यों 14,131 करोड़ रुपये बरामद किए
फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2015 और 2016 में माल्या के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए थे. आरोप लगाया गया था कि फर्जी लोग हासिल करके बैंक के नेतृत्व वाले कंसोर्टियम को धोखा देने के लिए उनके द्वारा आपराधिक साजिश रची गई थी. इस रकम को शेल कंपनियों का इस्तेमाल करके भारत और विदेशों में निकाला गया.
ईडी ने 11,290 करोड़ रुपये (€1.25 बिलियन) मूल्य की अपराध आय की पहचान की, जिसमें से 5,040 करोड़ रुपये (€560.3 मिलियन) को 2016 में अनंतिम कुर्की आदेशों के माध्यम से जब्त किया गया था. उसी साल, माल्या को भारत से फरार होने के लिए अपराधी घोषित किया गया था. सीआरपीसी की धारा 83 के तहत 1,690 करोड़ रुपये (€188 मिलियन) की संपत्ति भी जब्त की गई, बिना किसी प्रत्यक्ष अपराध से जुड़े संबंध स्थापित किए.
2016 और 2020 के बीच, ईडी ने आठ देशों को 21 एग्मोंट अनुरोध और लेटर रोगेटरी (विदेशी सहायता के लिए न्यायिक अनुरोध) जारी किए. इन कोशिशों के कारण विभिन्न संपत्तियों को जब्त किया गया, जिसमें फ्रांस में €1.6 मिलियन मूल्य की संपत्ति और भारत और विदेशों में अन्य संपत्तियां शामिल हैं.
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माल्या को 2019 में भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया गया था, और जबकि उस वर्ष यूके से उनके प्रत्यर्पण को मंजूरी दी गई थी, चल रही अदालती प्रक्रियाओं ने उनके भारत लौटने में देरी की है.
संपत्तियों की बहाली
वर्ष 2021 में, धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत एक विशेष न्यायालय ने आपराधिक मामले के पूरा होने से पहले ही बैंक संघ को 14,130 करोड़ रुपये (€1.57 बिलियन) मूल्य की चल और अचल संपत्ति की वापसी का आदेश दिया. इस राशि में वह ब्याज भी शामिल था जो संपत्ति के सरकारी नियंत्रण में रहने के दौरान अर्जित हुआ था और यह अपराध की पहचान की गई आय से 25% अधिक था. इन घटनाक्रमों के बावजूद, माल्या प्रत्यर्पण प्रक्रिया के समाधान के इंतजार में यूके में ही हैं, जबकि बैंक और ईडी की कार्रवाई जारी है.