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Sunday, December 28, 2025

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न्यू बॉर्न बेबी में दिख रहे हैं ये लक्षण तो हो जाएं सावधान, हो सकता है इंफेक्शन का संकेत


When To Worry About Baby Fever: नवजात और तीन महीने से कम उम्र के शिशुओं में बुखार किसी गंभीर इंफेक्शन का पहला और कई बार अकेला संकेत हो सकता है. अगर बच्चे का तापमान सामान्य से थोड़ा भी ज्यादा लगे, तो तुरंत डॉक्टर को दिखाना जरूरी है. डॉक्टरों के अनुसार, 38 डिग्री सेल्सियस से कम तापमान सामान्य माना जाता है. इससे ज्यादा तापमान खतरे की घंटी हो सकता है. चलिए आपको विस्तार से बताते हैं कि आप कैसे जान सकते हैं कि बच्चों को कौन सा इंफेक्शन लक्षण है. 

व्यवहार में बदलाव भी देता है इशारा

शिशुओं में बीमारी का एक बड़ा संकेत उनके व्यवहार में बदलाव होता है. अगर बच्चा सामान्य से ज्यादा रो रहा है या उसकी एक्टिविटी अचानक कम हो गई है, तो सतर्क हो जाना चाहिए. आमतौर पर अगर बच्चा जागते समय एक्टिव है, ठीक से दूध पी रहा है और रोने पर शांत हो जाता है, तो हल्का बदलाव सामान्य हो सकता हैय लेकिन अगर बच्चा बेहद सुस्त, जरूरत से ज्यादा चिड़चिड़ा या बहुत ज्यादा सोने लगे, तो डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है.

एनर्जी कम होना हो सकता है गंभीर संकेत

अगर बच्चा लगातार सुस्त रहे, दूध पीने के लिए जगाना मुश्किल हो जाए और जागने पर भी सुस्ती दिखे, तो यह कम एनर्जी का संकेत हो सकता है. ऐसी स्थिति धीरे-धीरे भी विकसित हो सकती है, जिससे कई बार माता-पिता इसे पहचान नहीं पाते. कम एनर्जी सामान्य सर्दी से लेकर मेनिन्जाइटिस जैसे गंभीर इंफेक्शन, दिल की बीमारी या खून से जुड़ी समस्या का संकेत भी हो सकती है. इसलिए बच्चे में जरूरत से ज्यादा सुस्ती दिखे तो जांच जरूरी है.

बहुत ज्यादा रोना भी है चेतावनी

रोना शिशु की अपनी जरूरत बताने का तरीका होता है कि भूख या नींद की जरूरत. आमतौर पर माता-पिता बच्चे के रोने का मतलब समझने लगते हैं. लेकिन अगर बच्चा लगातार रो रहा है और किसी भी तरह से शांत नहीं हो रहा, तो यह दर्द या बीमारी का संकेत हो सकता है. अत्यधिक चिड़चिड़ापन गैस, पेट दर्द, कान में दर्द या वायरल-बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से भी हो सकता है. 

तुरंत डॉक्टर को दिखाएं अगर ये लक्षण दिखें

  • तीन महीने से कम उम्र में बुखार
  • लगातार और न रुकने वाला रोना
  • बहुत ज्यादा सुस्ती या शरीर ढीला पड़ना
  • झटके आना 
  • सिर के ऊपर का नरम हिस्सा  फूलना
  • दर्द के संकेत
  • त्वचा पर बैंगनी धब्बे
  • त्वचा का बहुत पीला या लाल हो जाना
  • सांस लेने में दिक्कत
  • ब्रेस्टफीडिंग या बोतल से दूध पीने से मना करना
  • निगलने में परेशानी
  • छह घंटे तक पेशाब न होना
  • बार-बार उल्टी या हरे रंग की उल्टी

familydoctor की रिपोर्ट के अनुसार, गंभीर स्थिति में शिशु के शरीर में साफ बदलाव दिखने लगते हैं. माता-पिता और देखभाल करने वालों को इन संकेतों की पहचान करनी चाहिए, ताकि समय रहते बच्चे को सही इलाज मिल सके.

इसे भी पढ़ें- भारत के लिए बड़ा खतरा बन रहा कैंसर, 2040 तक देश में होंगे 20 लाख मरीज

Disclaimer: यह जानकारी रिसर्च स्टडीज और विशेषज्ञों की राय पर आधारित है. इसे मेडिकल सलाह का विकल्प न मानें. किसी भी नई गतिविधि या व्यायाम को अपनाने से पहले अपने डॉक्टर या संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.

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