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नौ दिनों में 41,000 किलोमीटर – मोदी के जहाज ने कैसे लगाया धरती का चक्कर



नौ दिनों में 41,000 किलोमीटर – मोदी के जहाज ने कैसे लगाया धरती का चक्कर

(फोटो:आमिर खान)

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 10 जुलाई को अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के पांच देशों की यात्रा करके  नौ दिनों बाद भारत लौटे. 

पिछले एक दशक में ये उनकी सबसे लंबी विदेश यात्रा थी. 

वो 2 जुलाई को नई दिल्ली से चले और घाना, त्रिनिदाद एंड टोबैगो, अर्जेंटीना, ब्राजील और नामीबिया गए. 


हमने ये पता लगाने की कोशिश की कि अगर आप भी प्रधानमंत्री के साथ उसी जहाज में होते तो आपको क्या नजारे दिखते.

इसके लिए इंडिया टुडे फैक्ट चेक ने इस पूरी यात्रा के दौरान उनके जहाज को FlightRadar24, FlightAware, और ADSBexchange जैसे टूल्स की मदद से लगातार ट्रैक किया.

तो आइए, आपको ले चलते हैं प्रधानमंत्री के साथ पांच देशों की यात्रा पर और दिखाते हैं वो नजारे जो उन्होंने  हवाईजहाज की खिड़की से देखे होंगे.

पीएम ने इस हवाई यात्रा के दौरान कुल 40,892 किलोमीटर की दूरी तय की. ये दूरी धरती की परिधि (circumference) से भी ज्यादा है. 

यानी, अगर मोदी का जहाज धरती का चक्कर लगाता तो एक चक्कर पूरा हो जाता. 


पीएम का जहाज था – बोइंग 777-300R. इस विमान का नाम और कॉल साइन (एक ऐसा नंबर जिससे उड़ान के दौरान किसी फ्लाइट की पहचान की जाती है) इंडिया वन है.  

खास  तौर पर तैयार ये विमान एक वीवीआईपी सुइट, दो कॉन्फ्रेंस रूम, एक प्रेस ब्रीफिंग रूम, एक मेडिकल रूम और अत्याधुनिक कम्यूनिकेशन सिस्टम से लैस है.

इसमें आधुनिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम और एयर-टू-एयर रीफ्यूलिंग, यानी हवा में ही ईंधन भरने की सुविधा भी है जिससे ये बिना रुके हजारों किलोमीटर की यात्रा कर सकता है.


दिल्ली से घाना जाते समय मोदी का जहाज, दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मीठे पानी की झील, लेक विक्टोरिया के ऊपर से होकर गुजरा. 

ये झील इतनी बड़ी है कि इसमें पूरा श्रीलंका समा जाए!


नौ दिनों की इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी का जहाज  कुल 46 घंटों की उड़ान में से 23 घंटे तक अलग-अलग सागरों और महासागरों के ऊपर रहा. 

मतलब अपनी उड़ान के आधे समय मोदी को समंदर ही समंदर दिखा होगा.


मोदी सबसे पहले नई दिल्ली से घाना की राजधानी अकरा पहुंचे. उनके सफर का ये हिस्सा सबसे लंबा रहा.

उनका जहाज 11 घंटे में 10,000 किलोमीटर की दूरी तय करके दोपहर में (स्थानीय समय) अकरा पहुंचा.


गौरतलब है कि दिल्ली से अकरा जाते समय उनके प्लेन ने छोटे और सीधे रास्ते की बजाय एक लंबा रूट चुना. 

वो पाकिस्तान, ईरान, सउदी अरब, सूडान और चाड के ऊपर से नहीं गए. 

इस वजह से रास्ता 1500 किलोमीटर लंबा हो गया. पाकिस्तान, ईरान और सूडान के ऊपर नहीं जाने का कारण था सुरक्षा को लेकर चिंता.


मोदी, अकरा में एक दिन रुक कर अगले दिन त्रिनिदाद एंड टोबैगो की राजधानी पोर्ट ऑफ स्पेन पहुंचे.  

त्रिनिदाद और टोबैगो, कैरीबियाई सागर के दक्षिणी भाग में स्थित दो प्रमुख द्वीप हैं. 

मुख्य रूप से इन्हीं दोनों द्वीपों से मिलकर ये देश त्रिनिदाद एंड टोबैगो बना है.

इसे पहले कोई भारतीय प्रधानमंत्री 25 साल पहले त्रिनिदाद एंड टोबैगो गया था.


मोदी, त्रिनिदाद एंड टोबैगो का सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘द ऑर्डर ऑफ द रिपब्लिक ऑफ त्रिनिदाद एंड टोबैगो’ पाने वाले पहले विदेशी नेता बने.


पीएम का अगला पड़ाव बनी अर्जेंटीना की राजधानी ब्यूनस आयर्स. 

वो शुक्रवार, 4 जुलाई को यहां के एजीजा इंटरनेशनल एयरपोर्ट पहुंचे जहां उनका शानदार स्वागत हुआ.

ये अर्जेंटीना में पिछले 57 सालों में किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली द्विपक्षीय यात्रा थी. यहां उन्हें “की टु द सिटी ऑफ ब्यूनस आयर्स” सम्मान से नवाजा गया.

इससे पहले पीएम मोदी साल 2018 में G20 सम्मेलन में शामिल होने के लिए यहां आए थे.


मेसी के देश अर्जेंटीना को अलविदा बोलकर पीएम मोदी, नेमार जूनियर के देश ब्राजील पहुंचे.  

रियो डि जेनेरो में पीएम अपने इस दौरे के सबसे प्रमुख इवेंट यानी ब्रिक्स सम्मेलन में शामिल हुए.

इवेंट खत्म होने के बाद अगले साल होने वाले 18वें ब्रिक्स सम्मेलन की मेजबानी भारत को सौंपी गई.


दुनिया के सबसे मशहूर पर्यटन स्थलों में से एक रियो डि जेनेरो के बाद, मोदी ब्राजील की राजधानी ब्रासीलिया पहुंचे.

वहां जब ब्राजील के राष्ट्रपति लूला डा सिल्वा को मोदी के शाकाहारी होने का पता लगा तो उन्होंने भारत को चीज़ (cheese) बेचने से जुड़ा एक मजाक भी किया.

उन्होंने कहा, “चीज़ का ए​क डिब्बा मंगा कर टेबल पर रखो ताकि उन्हें (पीएम मोदी को) कभी ब्राजील के खाने की शिकायत करने का मौका न मिले. क्या पता, वो ब्राजील से चीज़ खरीदना ही शुरू कर दें!” 


नौ जुलाई  की सुबह मोदी नामीबिया की राजधानी विंडहोक पहुंचे. ये उनकी पहली नामीबिया यात्रा थी.

उन्हें यहां के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार “The Order of the Most Ancient Welwitschia Mirabilis” से नवाजा गया.

नामीबिया, भारत के यूपीआई को अपनाने के लिए लाइसेंसिंग एग्रीमेंट करने वाला दुनिया का पहला देश बना.


नामीबिया पीएम मोदी का आखिरी पड़ाव था. नौ जुलाई की शाम को यहां से चलकर वो 10 जुलाई को सुबह 8 बजकर 14 मिनट पर  दिल्ली पहुंच गए.

वापसी का ये सफर 10 घंटे और 8700 किलोमीटर का था.

नौ दिनों में उनका एयरक्राफ्ट औसतन 36,000 फीट की ऊंचाई पर लगभग 1000 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ा.



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