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झारखंड में दिनदहाड़े कांग्रेस नेता की गोलियों से भूनकर हत्या, MLA सरयू राय के समर्थकों पर लगा आरोप


Jamshedpur News: झारखंड के जमशेदपुर में पूर्व स्वास्थय मंत्री बन्ना गुप्ता के सपोर्टर आलोक गुप्ता उर्फ मुन्ना को गोलियों से भूनकर मार डाला. इस हत्याकांड में हत्याकांड में विधायक सरयू राय के समर्थक छोटू बच्चा और मोहित सिंह का शामिल होने बताया है. वारदात बुधवार सुबह 10 बजे की है, जहां दो बाइक सवार 5 आरोपियों ने शास्त्रीनगर रोड नंबर चार के पास इसे अंजाम दिया. अपराधियों ने आलोक के सीने में चार गोली उतारी थी. इस घटना के बाद उन्हें आनन-फानन में टीएमएच ले जाया गया, जहां चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया. वह कदमा थाना क्षेत्र के शास्त्रीनगर ब्लॉक नंबर तीन के रहने वाले थे. 

ये है पूरा मामला?

मिली जानकारी के अनुसार जिस वक्त ये मर्डर हुआ उस वक्त आलोक बुलेट पर सवार होकर फूल लाने के लिए कदमा की ओर जा रहे थे. उनके घर से करीब 200 मीटर की दूरी पर अपराधियों ने गोली से भून डाला. मृतक के भाई मनोज भगत ने आकाश सिंह उर्फ छोटू बच्चा, मोहित सिंह, प्रकाश और उसके अन्य साथियों पर हत्या करने का आरोप लगाया है. उसके विरुद्ध आर्म्स एक्ट समेत चार से अधिक आपराधिक मामले दर्ज हैं, इसके अलावा वह जेल भी जा चुका है.

कांग्रेस कार्यकर्ता था मृतक

वहीं, घटना की जानकारी पर आईजी अखिलेश कुमार झा, एसएसपी और अन्य पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए. उन्होंने लोगों से मिलकर मामले के बारे में जानकारी जुटाई. आईजी ने परिजनों और कदमा थाना के पुलिस अधिकारियों से पूछताछ की. मृतक कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता था और टाइगर क्लब को भी संचलित करता था.

मृतक से मिलने पहुंचे पूर्व स्वास्थय मंत्री 

इधर, इस हत्याकांड की सूचना पर देर शाम पूर्व स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता मृतक के घर पर पहुंचे. प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अपराधियों ने अचानक गली से निकलकर उसपर ताबड़तोड़ फायरिंग करनी शुरू कर दी, जिसमें से एक गोली उसके पैर में लगी और वह बुलेट के साथ सड़क पर गिर गया. इस बीच अन्य अपराधी भी बाइक से मौके पर पहुंच गए. 

वहीं, आलोक ने बचने की कोशिश भी की, मगर सभी मिलकर उसपर हावी हो गए और उसके सीने में सटाकर गोली मार दी. घटना की जानकारी पाकर मुख्यालय एक के डीएसपी निरंजन तिवारी और कदमा थाना प्रभारी संजय सुमन घटनास्थल पर पहुंचे. पुलिस ने घटनास्थल से एक देसी कट्टा, एक जिंदा कारतूस, चार खोखा बरामद किया.

इसलिए लगाए गए आरोप

इस विवाद की नीव साल 2004 में रखी गई थी. उस वक्त मृतक के परिजनों के अनुसार चार नवंबर 2004 को काली पूजा विसर्जन के दौरान आलोक का मोहित के साथ पहली बार झगड़ा हुआ, जिसमें दोनों के बीच मारपीट हो गई थी. मनोज भगत के बयान पर कदमा थाना में शिकायत दी गई थी. जानलेवा हमला और मारपीट का आरोप छोटू बच्चा, मोहित सिंह, नरेश सिंह समेत दस लोगों पर मामले में आरोपित किया था. इसके अलावा छोटू बच्चा और मोहित सिंह का आपराधिक इतिहास भी रहा है और ये लोग तड़ीपार भी हो चुके हैं.





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