उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को विधानसभा में शिक्षा जगत की तमाम धांधलियों और अनियमितताओं को लेकर विपक्ष पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि 2017 के पहले का वो दौर कोई नही भुला जब 86 एसडीएम के पद पर 56 एक ही जाति के लोगो को भर दिया गया. वही प्रयागराज है जहां पब्लिक सर्विस कमीशन में उसे अध्यक्ष बना दिया गया था जिसकी डिग्री फर्जी थी.
उन्होंने आगे कहा कि जिसकी डिग्री फर्जी थी और जो लेक्चरर के लायक नही था, उसको अध्यक्ष बना दिया और उसने तबाही मचा रखी थी. सीएम योगी ने अपनी सरकार की तारीफ करते हुए कहा कि युवाओं के हित के लिए सरकार काम कर रही है. पेपर लीक के लिए हमने अध्यादेश पारित किया. सरकारी नौकरियों में युवाओं को ईमानदारी पारदर्शिता के साथ आरक्षण के नियमों के साथ नौकरियां मिलें, इसके कार्य हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि विपक्ष द्वारा दिए गए आंकड़े तथ्य सत्य नही है. बेसिक विभाग के 69 हजार शिक्षकों को नियुक्ति पत्र 4 वर्ष पहले दिए जा चुके हैं, वो अध्यापन भी कर रहे है. बीएड बीटीसी के अभ्यर्थी भी आज पढा रहे हैं. उच्चतम न्यायालय ने जिन सेवाओं को समाप्त किया था, उनको भी सरकार ने एक मानदेय देकर रखा हुआ है. माध्यमिक शिक्षा परिषद में आयोग द्वारा चयन प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है.
सीएम योगी ने बताया कि शिक्षा के समग्र चयन के लिए एक शिक्षा चयन बोर्ड का गठन किया है. शिक्षा विभाग में 1 लाख 60 हजार की भर्ती की जा चुकी है,ये वो भर्तियां है जो पिछली सरकार में रुकी हुई थीं. पुलिस बल में भी 1 लाख से ज्यादा भर्तियां की गई हैं, अभी भी 60 हजार से ज्यादा भर्ती जारी है. अलग अलग विभागों में अबतक 7 लाख से ज्यादा सरकारी नौकरियां दी जा चुकी हैं. 69 हजार शिक्षकों की नियुक्ति में 32 हजार पिछड़ी जाति के नियुक्त हुए हैं और 14 हजार से ज्यादा अनुसूचित जाति के अभ्यर्थी भी चयनित हुए हैं. सामान्य वर्ग के 32 हजार सीट थे जबकि उनकी नियुक्ति 20 हजार हुई,आरक्षण के नियमों का भरपूर पालन किया गया. इसी के साथ उन्होंने 2017 के पहले के दौर की भी चर्चा की.