चातुर्मास 17 जुलाई से 12 नवंबर 2024 तक रहेंगे. इस दौरान विवाह, सगाई, गृह प्रवेश आदि जैसे कोई भी शुभ या मांगलिक कार्य नहीं करना चाहिए.
चातुर्मास में सावन, भाद्रपद, अश्विन और कार्तिक माह आते हैं. सावन में पालक या पत्तेदार सब्जियां, भाद्रपद में दही, अश्विन में दूध और कार्तिक माह में लहसुन-प्याज नहीं खाना चाहिए. साथ ही शहद, मूली, परवल और बैंगन का त्याग करना चाहिए.
चातुर्मास में भगवान विष्णु के क्षीर सागर में जाने की वजह से भगवान शिव के कंधों पर सृष्टि के संचालन का कार्यभार रहता है. ऐसे में सावन में शिव जी, भाद्रपद में गणपति जी, अश्विन में मां दुर्गा और कार्तिक में मां लक्ष्मी और विष्णु जी की पूजा करने वालों को कभी दुख का सामना नहीं करना पड़ता.
चातुर्मास में मांगलिक कार्य नहीं होते लेकिन इस समय पलंग पर शयन ना करें. ब्रह्मचर्य का पालन करें. ऐसा करने से देवी-देवता नाराज हो जाते हैं.
इन चार माह में सिर्फ एक ही बार उत्तम भोजन ग्रहण करना चाहिए. रात्रि में केवल फलाहार करें इससे सेहत संबंधी समस्या नहीं आती.
इस माह में ज्यादातर मौन रहकर तपस्या, जप, तप करें. इससे सुख, सौभाग्य, सफलता में वृद्धि होती है.
Published at : 18 Jul 2024 10:22 AM (IST)