केरल से एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. दरअसल, एक 5 साल की बच्ची 1 मई के दिन तालाब में नहाने गई थी. 10 मई को लड़की को बुखार, सिरदर्द और उल्टी के लक्षण दिखाई देने लगे. बच्ची की हालत इतनी ज्यादा खराब हो गई कि उसे वेंटिलेटर पर रखा गया. लेकिन दवा का कोई असर नहीं हो रहा था.
अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस की बीमारी
सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक केरल के मलप्पुरम जिले में अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस नामक एक अजीबोगरीब बीमारी का पता चला है. दरअसल यह दिमाग में होने वाले इंफेक्शन से जुड़ी गंभीर बीमारी है. इस दिमाग के इंफेक्शन के कारण एक 5 साल की बच्ची की मौत हो गई. यह इंफेक्शन गंदे पानी के कारण होता है.
1 मई से बच्ची बीमारी थी
सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक मीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस से पीड़ित पांच साल की बच्ची की मौत हो गई है. यह बीमारी गंदे पानी में पाई जाने वाली फ्री लिविंग अमीबा के कारण होता है. उन्होंने आगे बताया कि मून्नियूर पंचायत की रहने वाली बच्ची की सोमवार रात को कोझिकोड मेडिकल कॉलेज के मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य संस्थान में मौत हो गई. जहां उसका एक हफ्ते से अधिक समय से इलाज चल रहा था.
क्या था पूरा मामला?
डॉक्टर्स के मुताबिक यह इंफेक्शन किसी व्यक्ति को तब होता है जब पानी में पाई जाने वाली फ्री लिविंग अमीबा गंदे पानी में पाया जाता है. यह नाक के जरिए इंसान के शरीर में घुस जाता है. सूत्रों के मुताबिक बच्ची 1 मई को गांव के पास के तालाब में नहाने गई थी. जिसके बाद उसे बुखार, सिरदर्द और उल्टी के लक्षण दिखाई देने लगे थे.
उसी तालाब में लड़की के साथ नहाने वाले अन्य बच्चों पर भी निगरानी रखी जा रही है. हालांकि, संक्रमण मुक्त पाए जाने के बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई है. इस बीमारी की रिपोर्ट पहले 2023 और 2017 में राज्य के तटीय अलपुझा जिले में आई थी. इस बीमारी के मुख्य लक्षण बुखार, सिरदर्द, उल्टी और दौरे हैं.
आइए जानें इसे नेगलेरिया फाउलेरी (Naegleri Fowleri) क्यों कहा जाता है?
दरअसल, बोलचाल की भाषा में नेगलेरिया फाउलेरी को ब्रेन ईटिंग अमीबा कहा जाता है. इस मामले के पहले भी भारत और दुनिया के कई देशों में इस अमीबा के कारण कई लोगों की मौत हो चुकी है. इसमें 97 प्रतिशत चांस ऐसा होता है व्यक्ति बच नहीं पाएगा. इस लाइलाज बीमारी माना जा रहा है. इस बीमारी में ब्रेन के सेल्स खराब होने लगते हैं.
ब्रेन ईटिंग अमीबा नेगलेरिया फाउलेरी क्या होता है?
नेगलेरिया फाउलेरी एक खास तरह का अमीबा होता है. इसे फ्री लिविंग ऑर्गेनिज्म भी कहते हैं. इसका साफ अर्थ है कि जिसे सर्वाइव या सपोर्ट करने के लिए इकोसिस्टम की जरूरत नहीं पड़ती है. यह पूरी दुनिया में कई भी पनप सकता है. आमतौर पर झीलों, नदियो, तालाबों और पानी, गर्म पानी कहीं भी हो सकता है.
यह अमीबा कैसे अपने संक्रमण फैलाता है
इस अमीबा से इंफेक्शन का खतरा तब पैदा होता है जब गंदा पानी आपके नाक के अंदर घुस जाए. इसके कारण अमीबा दिमाग में घुस जाता है. यह अमीबा ब्रेन सेल्स को खराब कर देता है. यह पानी में पहले से मौजूद होता है और जब कोई तैरने जाता है पानी में यह अमीबा उसे अपना शिकार बना लेता है. यह ऐसे पानी में पाया जाता है जिसकी सफाई काफी दिनों से नहीं की गई है. बहुत दिनों से जमा और गंदे पानी में इस तरह के अमीबा पाए जाते हैं. यह ऐसे पानी में पाया जाता है जब उस पानी में पर्याप्त क्लोरीन न मिलाया गया हो या उसे ढंग से साफ न किया गया हो.
Disclaimer: खबर में दी गई कुछ जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है. आप किसी भी सुझाव को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें.
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