यूपी की जालौन पुलिस सवालों के घेरे में है. आरोप है कि पुलिस कस्टडी में एक शख्स की इस बेरहमी से पिटाई की गई कि उसकी मौत हो गई. परिजनों के मुताबिक, मृतक के शरीर पर पिटाई के निशान भी हैं. हालांकि, पोस्टमार्टम में इसकी पुष्टि नहीं हुई है. ऐसा अधिकारियों का कहना है. फिलहाल, जांच टीम गठित कर दी गई है और आरोपी पुलिसवालों को लाइन हाजिर कर दिया गया है. मामला तूल पकड़ता जा रहा है. सपा-कांग्रेस ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से पुलिस की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगाए हैं. प्रियंका गांधी ने भी रिएक्ट किया है.
दरअसल, जालौन के डकोर कोतवाली क्षेत्र में दो दिन पहले एक युवक की हत्या कर दी गई थी जिसमें मृतक की पत्नी की शिकायत पर पुलिस ने मामला पंजीकृत करते हुए जांच शुरू की. इस हत्याकांड में पांच लोगों के नाम सामने आए थे. इसमें राजकुमार का नाम भी शामिल था. पुलिस द्वारा बताया गया कि जब राजकुमार को गिरफ्तार कर गाड़ी से ले जाया जा रहा था तो उसकी तबीयत बिगड़ गई और वह बेहोश हो गया. इलाज के लिए उसे अस्पताल लेकर गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया.
पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने तत्काल मामले का संज्ञान लेते हुए मृतक राजकुमार के शव को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया. डॉक्टरों के तीन सदस्यीय पैनल टीम ने पोस्टमार्टम किया, जिसमें अंदरूनी या बाहरी चोटें होना नहीं पाया गया. पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी कराई गई है. हालांकि, मृतक के परिजनों ने पुलिस पर हत्या का आरोप लगाते हुए कहा कि थर्ड डिग्री टॉर्चर के कारण राजकुमार की मौत हुई है.
मामले में एसएसपी प्रमोद वर्मा ने बताया कि बीते दिनों मोहना ग्राम में संतोष नाम के युवक की हत्या करने के बाद हत्यारोपियों ने शव को बेतवा नदी किनारे फेंक दिया था, जिसमें पांच लोगों का नाम सामने आया था. इस केस में राजकुमार नाम के व्यक्ति को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस टीम पहुंची थी, तभी वह बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा. जिसे अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टर द्वारा उसकी जांच करने के बाद मृत घोषित कर दिया गया. पोस्टमार्टम कराया गया है.
उधर, मृतक राजकुमार की बहन उमा देवी ने पुलिस पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि उसके उसके भाई की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है. परिजनों ने मृतक के शरीर पर चोट के निशान भी दिखाए हैं. हालांकि, पुलिस ने पिटाई से इनकार किया है. फिलहाल, राजकुमार की मौत के मामले में जालौन के जिलाधिकारी ने मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दे दिए हैं. एडीएम विशाल यादव को जांच के लिए नामित किया है. तो वहीं इस मामले में एसओजी प्रभारी सत्येंद्र यादव और डकोर थाना प्रभारी राजेश कुमार को लाइन हाजिर किया गया है. राजनीतिक दलों ने इस घटना पर पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा है.