-3.1 C
New York
Saturday, December 27, 2025

Buy now

spot_img

आस्था की अनोखी मिसाल! इस मंदिर में पुरुष महिलाओं की तरह सज-धज कर करते हैं पूजा


Show Quick Read

Key points generated by AI, verified by newsroom

Kottankulangara Devi Mandir: भारत में कई अनोखे मंदिर हैं, जिनकी अलग-अलग अनोखी परंपरा है. केरल के कोल्लम जिले में स्थित कोट्टनकुलंगरा श्रीदेवी मंदिर अपनी अनोखी परंपरा के कारण देश-विदेश में चर्चा का केंद्र है. यहां देवी की आराधना से पहले पुरुष श्रद्धालुओं को महिलाओं की तरह सोलह श्रृंगार करना अनिवार्य माना जाता है.

साड़ी, चूड़ियां, बिंदी और पारंपरिक आभूषण पहनकर वे देवी भाग्यवती की पूजा करते हैं. यह मंदिर देवी दुर्गा को समर्पित है और अपनी विशेष परंपरा ‘चमायाविलक्कू’ के लिए प्रसिद्ध है. इस अनुष्ठान में पुरुष महिला वेश में दीपक लेकर देवी की आराधना करते हैं और नौकरी, विवाह, स्वास्थ्य व पारिवारिक सुख-समृद्धि की कामना करते हैं. यह परंपरा श्रद्धा और आस्था का प्रतीक मानी जाती है.

चाम्याविलक्कू उत्सव की खास पहचान

हिंदू धर्म में हर त्योहार की अपनी-अपनी खास परंपराएं होती हैं, जिन्हें लोग उत्सव के साथ मनाते हैं. ऐसा ही एक अनोखा त्योहार है, जो हर साल 23 और 24 मार्च को मंदिर में चाम्याविलक्कू उत्सव मनाया जाता है. इस दौरान हजारों पुरुष महिलाओं की तरह सजे-धजे रूप में मंदिर पहुंचते हैं.

फिर दीप जलाकर पूजा करते हैं. बताया जाता है कि हर वर्ष 5,000 से अधिक श्रद्धालु इस अनोखे उत्सव में हिस्सा लेते हैं. मलयालम महीने मीनम में होने वाला यह अनुष्ठान केवल इसी मंदिर में होता है, जो इसे और भी विशेष बनाता है.

स्वयं प्रकट हुई थी देवी 

स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, मंदिर में स्थापित देवी की प्रतिमा स्वयं प्रकट हुई थी. यह केरल का इकलौता मंदिर माना जाता है, जिसके गर्भगृह पर न तो छत है और न ही कलश. लोगों का विश्वास है कि देवी की प्रतिमा हर साल कुछ इंच आकार में बढ़ जाती है, जिससे आस्था और गहरी होती जाती है.

परंपरा से जुड़ी रोचक कथाएं

एक मान्यता के अनुसार वर्षों पहले कुछ चरवाहों ने यहां महिलाओं की तरह कपड़े पहनकर एक पत्थर पर फूल चढ़ाए थे. उसके बाद उसमें दिव्य शक्ति प्रकट हुई. दूसरी कथा के अनुसार, जब पत्थर पर नारियल फोड़ा गया तो उसमें से खून निकलने लगा. इसके बाद लोगों की आस्था बढ़ी और पूजा की शुरुआत हुई. इन्हीं धार्मिक मान्यताओं के कारण यह परंपरा हजारों सालों से निभाई जा रही है.

पुरूषों के लिए अलग मेकअप रूम 

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मंदिर परिसर में विशेष मेकअप रूम बनाए गए हैं, ताकि पुरुष आसानी से श्रृंगार कर सकें. अनोखी पूजा पद्धति, सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, दीपों का जुलूस और गहरी आस्था के कारण कोट्टनकुलंगरा श्रीदेवी मंदिर आज भी हजारों भक्तों को अपनी ओर आकर्षित करता है. मान्यता है कि जो पुरुष महिला के वेश में पूजा अर्चना करते हैं, उनकी पूजा से देवी जल्द प्रसन्न् होती हैं और उनकी मनोकामनाएं पूरी होती है.

Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें.



Source link

Related Articles

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisement -spot_img

Latest Articles