Vighnaraj Sankashti Chaturthi 2024: विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी 21 सितंबर यानी आज है. ये व्रत गणपति जी (Ganesh ji) को समर्पित है. गणेश जी बुद्धि और ज्ञान के देवता हैं, इनकी कृपा से जीवन में तरक्की, सुख और समृद्धि आती है.
मान्यता है कि अश्विन माह (Ashwin sankashti chaturthi) की विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी का व्रत करने वालों पर कभी विघ्न नहीं आते. गणपति जी को विघ्नराज भी कहा जाता है. संकष्टी चतुर्थी व्रत में चंद्रमा की पूजा के बाद ही व्रत पूर्ण माना गया है. ऐसे में आज विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पर चांद कब निकलेगा जानें.
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पूजा मुहूर्त (Vighnaraja Sankashti Chaturthi 2024 Muhurat)
अश्विन माह संकष्टी चतुर्थी तिथि शुरू – 20 सितंबर 2024, रात 09.15
अश्विन माह संकष्टी चतुर्थी तिथि समाप्त – 21 सितंबर 2024, शाम 06.13
- गणपति पूजा का समय – शाम 06.19 – रात 07.47
- चंद्रोदय समय – रात 08.29 (21 सितंबर 2024)
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पूजा विधि
विघ्नराज संकष्टी चतुर्थी पर गणपति जी को दूर्वा, मोदक, हल्दी, अष्टगंध अर्पित करें और ॐ दुर्मुखाय नमः मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए. कहते हैं इससे ग्रह दोष या राहु-केतु जनित दोष शांत होता है. कार्य में सफलता मिलती है.
धन, दौलत और ऐश्वर्य की प्राप्ति के लिए आज संकष्टी चतुर्थी पर श्री अष्टलक्ष्मी स्तोत्रम का पाठ करें.मान्यता है इससे गणपति जी का आशीर्वाद और मां लक्ष्मी का घर में निवास होता है. गणपति मां लक्ष्मी के दत्तक पुत्र हैं.
आक के फूल भगवान गणेश जी को भी बहुत प्रिय होते हैं. शिक्षा प्राप्ति में कोई बाधा आ रही है या करियर में सही निर्णय नहीं ले पा रहे तो आज शाम गणपति जी को आक के फूल अर्पित करें. इससे तमाम बधाओं का नाश होता है.
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