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आज मिथुन संक्रांति पर सिलबट्‌टे की पूजा का विशेष महत्व, जानें वजह


Mithun Sankranti 2024: ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को “सौरमंडल का राजा” कहा जाता है क्योंकि यह ग्रहों को ऊर्जा देने के साथ-साथ पूरे संसार को जीवन प्रदान करते हैं. सूर्य जब राशि परिवर्तन करते हैं तो उस दिन को संक्रांति के रूप में मनाया जाता है. संक्रांति पर सूर्य पूजा से जीवन में धन, ऐशवर्य, सुख, सम्मान प्राप्त होता है. आइए जानते हैं इस साल मिथुन संक्रांति पर कैसे करें सूर्य देव को प्रसन्न जानें.

मिथुन संक्रांति 2024 डेट (Mithun Sankranti 2024 Date)

मिथुन संक्रांति 15 जून 2024 को है. भगवान सूर्य बारी-बारी से सभी राशियों में प्रवेश करते हैं, लेकिन सूर्य के वृषभ राशि से मिथुन राशि में गोचर करने को  “मिथुन संक्रांति” के नाम से जाना जाता है.

मिथुन संक्रांति 2024 मुहूर्त (Mithun Sankranti 2024 Muhurat)

  • मिथुन संक्रान्ति पुण्य काल – सुबह 05:23 – दोपहर 12:22
  • अवधि – 06 घण्टे 59 मिनट्स
  • मिथुन संक्रान्ति महा पुण्य काल – सुबह 05:23 – सुबह 07:43
  • अवधि – 02 घण्टे 20 मिनट्स
  • मिथुन संक्रान्ति का क्षण – प्रात: 12:38

मिथुन संक्रांति महत्व

मिथुन संक्रांति के दिन पूर्वजों को श्रद्धांजलि दी जाती है. सूर्य की पूजा की जाती है. मान्यता है इससे जीवन सुखमय बनता है. मिथुन संक्रांति के दिन गुड़, नारियल, आटे व घी से बनी मिठाई पोड़ा-पीठा बनाया जाता है. मिथुन संक्रांति को “रज संक्रांति” भी कहा जाता है और इस दिन अच्छी फसल के लिए सूर्य महाराज से प्रार्थना की जाती है.

मिथुन संक्रांति क्यों होती सिलबट्‌टे की पूजा

मिथुन संक्रांति की कथा के अनुसार जिस तरह महिलाओं को मासिक धर्म होता है वैसे ही भूदेवी यानि धरती मां को शुरुआत के तीन दिनों तक मासिक धर्म हुआ था, जिसको धरती के विकास का प्रतीक माना जाता है. चौथे दिन सिलबट्‌टे को स्नान कराया जाता है. सिलबट्‌टे को भूदेवी के रूप में पूजा जाता है. पंचोपचार विधि से पूजन कर भोग लगाते हैं.

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Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि ABPLive.com किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें. 



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